नई दिल्ली। मोदी 3.0 के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान किए गए कामों को बीजेपी का हर सांसद देश की जनता हो बताने में जुट गया है. गुजरात के गांधी नगर में आयोजित ‘वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी’ (री-इनवेस्ट 2024) के चौथे एडिशन में देश के प्रधानमंत्री ने भी 100 दिनों के कामों की चर्चा के साथ-साथ अगले 1000 साल के प्लान के बारे में भी देश को बताया. इससे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2047 तक देश को विकसित करने की चर्चा कर चुके हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने री-इनवेस्ट 2024 के कार्यक्रम के किस तरह की जानकारी देश को दी.
100 दिनों में कहां रहा फोकस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में देश की तेज प्रगति के लिए हर क्षेत्र और कारक पर ध्यान देने की कोशिश की है. उन्होंने गांधीनगर में ‘वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी’ (री-इनवेस्ट 2024) के चौथे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि न केवल देशवासियों बल्कि पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21वीं सदी के लिए सबसे अच्छी जगह है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले 100 दिनों (केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के) में आप हमारी प्राथमिकताओं, गति और पैमाने को देख सकते हैं. हमने देश की तेज प्रगति के लिए जरूरी हर क्षेत्र और कारक पर ध्यान देने की कोशिश की है. मोदी ने कहा कि भारत की विविधता, पैमाना, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन अद्वितीय हैं और यही कारण है कि मैं वैश्विक अनुप्रयोग के लिए भारतीय समाधान कहता हूं.
अगले 1,000 साल का बेस हो रहा तैयार
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अगले 1000 वर्षों के लिए वृद्धि का आधार तैयार कर रहा है और ध्यान केवल शीर्ष पर पहुंचने पर नहीं, बल्कि इस स्थान को बनाए रखने पर है. उन्होंने री-इन्वेस्ट 2024 में कहा कि हमारे लिए हरित भविष्य और शुद्ध शून्य उत्सर्जन केवल दिखावटी शब्द नहीं हैं. ये देश की जरूरतें हैं और हम इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सरकार अयोध्या और 16 अन्य शहरों को मॉडल ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों ने देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है.
ग्रीन एनर्जी पर 12 हजार करोड़
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने इन 100 में ग्रीन और रिन्युएबल एनर्जी से जुड़े कई अहम फैसले लिए हैं. पीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि देश 31 हजार मेगावाट हाइड्रोपावर जनरेट करने पर तेजी के साथ काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार की ओर से 12 हजार करोड़ रुपए अप्रूव किए जा चुके हैं. पीएम ने कहा कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी की डिमांड में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. सरकार की ओर से इस पर पॉलिसी तैयार कर रही है.ताकि पूरे देश में ग्रीन एनर्जी की सप्लाई हो सके. साथ ही दुनिया के बाकी हिस्सों में भी एक्सपोर्ट किया जा सके.
ऊर्जा मंत्री ने क्या किया ऐलान
वहीं केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को निवेशकों से भारत में निवेश करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने हरित परियोजनाओं में 32.45 लाख करोड़ रुपए के वित्तपोषण की प्रतिबद्धता जताई है. चौथे ‘री-इन्वेस्ट 2024’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा कि हमें 2030 तक 500 गीगावाट के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही डेवलपर, निर्माताओं और वित्तीय संस्थानों से भारी प्रतिबद्धताएं मिली हैं. उन्होंने बताया कि डेवलपर ने अतिरिक्त 570 गीगावाट क्षमता जोड़ने की प्रतिबद्धता जताई है.
उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं ने सौर मॉड्यूल में 340 गीगावाट, सौर सेल में 240 गीगावाट, पवन टर्बाइन में 22 गीगावाट और इलेक्ट्रोलाइजर में 10 गीगावाट की अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता की प्रतिबद्धता जताई है. बैंक और वित्तीय संस्थानों ने 2030 तक 386 अरब अमेरिकी डॉलर (32.45 लाख करोड़ रुपए) के अतिरिक्त वित्तपोषण के लिए प्रतिबद्धता जताई है.
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