कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप और हत्या के मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. बुधवार को धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के साथ मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि इस केस को खत्म करने के लिए पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया था और उन्हें शांत रहने के लिए पुलिस ने रिश्वत की पेशकश की थी.
उनका आरोप है कि शुरू से ही पुलिस इस केस को खत्म करने का प्रयास कर रही थी, यहां तक कि पोस्टमॉर्टम होने से पहले हमें शव को देखने की इजाजत नहीं दी गई. जब हमें शव दिया गया तब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पैसा देने की पेशकश की जिसे हमने तुरंत मना कर दिया था.
पीड़िता के एक रिश्तेदार ने बताया कि जब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ था तब तक 300 -400 पुलिस वाले वहां मौजूद थे , लेकिन उसके बाद एक भी नहीं दिखे .जब हम अपनी बेटी के मौत का मातम मना रहे थे ,तब पुलिस वाले हमें पैसे देने का प्रयास कर रहे थे, क्या यही पुलिस की मानवता है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी तक नहीं निभाई अंतिम संस्कार के बाद पुलिस दिखी भी नहीं.
अब इस मामले में भारतीय जनता पार्टी का भी बयान सामने आया है, पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पुनावाले ने कहा है कि ममता बनर्जी की प्राथमिकता बेटी को बचाने का नहीं बल्कि सुबूत मिटाने का था.
‘रिक्लेम द नाइट’ मार्च
बुधवार को ही कोलकाता में हजारों महिलाओं ने पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए ‘रिक्लेम द नाइट’ नाम से पैदल मार्च निकाला. इस मार्च के तहत प्रदर्शनकारियों डॉक्टरों ने लोगो से रात 9 बजे अपने-अपने घर की लाइट बंद करने का आह्वान किया था, जिसके तहत लोगों ने अपने घरों में रात में लाइट बंद करके इस कैंडल मार्च में भाग लिया .पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी इस मुहिम में भाग लिया जिसके तहत राजभवन में भी लाइट बंद कर दी गई थी.
जारी है विरोध प्रदर्शन
कोलकाता रेप और मर्डर केस घटना के सामने आने के बाद से ही कोलकाता समेत देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसमें डॉक्टरों सहित लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. कोलकाता में यह विरोध प्रदर्शन अभी भी चल रहा है.
मंगलवार को कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शहर के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हाथ से बनी आर्टिफिशियल रीढ़ की हड्डी सौंपी जो इस बात का संकेतमक विरोध था कि पुलिस इस घटना में स्वतंत्रत स्टैंड नहीं ले रही है , और इस मामले में पुलिस की लापरवाहियों पर उनके इस्तीफे की मांग की. बुधवार को भी पश्चिम बंगाल के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसके कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रही.
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