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ग्राम फुडंरी की महिलाओं की दिक्कतें हुई कम


दंतेवाड़ा। जल जीवन मिशन भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना है। जिसका लक्ष्य सभी घरों तक कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इसमें जल संरक्षण, जल स्रोत स्थायित्व तथा वर्षा जल भण्डारण पर मुख्य रूप से ध्यान देते हुए ग्राम पंचायतों द्वारा विकेंद्रीकृत किंतु एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के माध्यम से समुचित स्तर पर जल प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी उद्देश्य पूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ राज्य के जिला दंतेवाड़ा में भी प्रशासन द्वारा ’’जल जीवन मिशन’’ योजना को गांव के प्रत्येक घर के आंगन तक पहुंचाने हेतु प्रयत्नशील है।

इस क्रम में जल जीवन मिशन अंतर्गत जिले में विकासखंड गीदम के ग्राम पंचायत फुण्डरी के एक बसाहट में भी खुशहाली आई है। जिला कार्यालय से 41 किमी दूर ग्राम पंचायत फुण्डरी घने जंगलों से घिरा हुआ पहाड़ी गांव हैै। इस ग्राम में कुल 06 बसाहट-रावतपारा, सन्नूपारा, ठोठापारा, पीदेपारा, स्कूलपारा, पटेलपारा है। इस गाँव में कुल घरों की संख्या 255 एवं कुल जनसंख्या 1408 है। इस प्रकार ग्राम पंचायत फुण्डरी में जल जीवन मिशन योजना को पहुंचाना चुनौतीपूर्ण कार्य था, चूंकि ग्राम में बसाहट व घर काफी दूर-दूर बसे होने के साथ ही यह घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है, जिसके कारण इस गांव तक बहुत सारी योजनाओं का  क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा था।

लेकिन प्रशासन की सक्रियता से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्राम फुण्डरी में जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत एकल ग्राम योजना कुल 8385 मीटर पाईप लाईन का विस्तार कर सभी घरों में घरेलू नल कनेक्शन लगाया गया, जिसमें कुल 02 सोलर 09 मीटर स्टेजिंग और 40 का उच्च स्तरीय जलागार का निर्माण किया जा रहा है। ग्राम के कुछ बसाहटों और शासकीय भवनों में में सोलर के माध्यम से आंशिक रूप से जल जीवन मिशन योजना को पहुंचाया गया, जिससे निरंतर स्वच्छ पीने का पानी प्राप्त हो रहा है। 

जल जीवन मिशन से न केवल स्वच्छ और शुद्ध पेयजल बल्कि अब ग्रामीण महिलाएं पानी की उपलब्धता को देखते हुए अपने अपने घरों में साग सब्जियों का उत्पादन कर अपनी आर्थिक आमदनी को बढ़ा रही है। इस क्रम में इसी ग्राम की महिला मत्तीबाई ने बताया कि इनका परिवार मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है। घर के नजदीक पीने की पानी की व्यवस्था न होने के कारण उसे हमेशा घर से दूर उबड़-खाबड़ रास्ते से होकर हैण्डपम्प या नदी व चुंआ से पीने का पानी लाना पड़ता था। बारिश में बाढ़ आने पर यह रास्ता भी बंद हो जाता था। उसके ही समान अन्य महिलाओं के लिए भी इस प्रकार सुबह-शाम पानी लाना कष्टदायक था।

लेकिन एक दिन ग्राम सभा में जल जीवन मिशन के तहत घर-घर में नल लगाए जाने की जानकारी दी गई। फिर देखते ही देखते लगभग एक साल में इनके पारा में हर घर के आँगन में जल जीवन मिशन का नल लगाया गया और  इस प्रकार सोलर के माध्यम से साफ पानी ग्राम के हर घरों में आने लगा। अब मत्तीबाई और सहित अन्य महिलाओं को पीने के पानी के लिए हैंडपंप या नदी नहीं जाना पड़ रहा है।

सबसे सराहनीय पहल तो यह हुई कि महिलाएं अब भरपूर पानी उपलब्ध होने से अपने घर बाडि़यों में साग सब्जियां लगा रही है। स्वयं मत्तीबाई ने भी अपने घर के बाड़ी में मौसमी सब्जी जैसे टमाटर, बैंगन, र्मिची, सेम लगाया और नजदीक के हाट बाजारों में उसका विक्रय कर अपने परिवार की आर्थिक आमदनी में सहयोग कर रही है। इसी कड़ी में महिलाएं कहती हैं कि घर में पीने के पानी मिलने से अब हमारे पास काफी समय बच जाता है और मौसमी सब्जी फसल तैयार होने में कम से कम दो महीने का समय लगता है तो अब हम स्व सहायता समूह का गठन करके आमदनी के लिए और भी काम शुरू करेंगे। इसी प्रकार अन्य महिला संगीता पुनेम का कहना है कि हर घर के आँगन में साफ पानी मिलने से समय की बचत हुई है।


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